मार्केट बजट से पहले वित्त मंत्री की घोषणाओं के लेकर ज्यादा सतर्कता दिखाने वाला है। लगभग सभी इंडस्ट्री की ओर से छूट की मांग की गई है। हमें संदेह है कि वित्त मंत्रालय के लिए सभी मांगों को पूरा करना संभव होगा। इन मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को बहुत ज्यादा रेवेन्यू छोड़ना होगा और बैलेंस शीट इसकी इजाजत देने की स्थिति में नहीं है।
हमारे मत के अनुसार बजट में कुछ अहम पहलुओं पर फोकस किया जाएगा। इनमें से एक अहम पहलू टैक्स को लेकर है। लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा पहुंचेगा तो अर्थव्यवस्था में खर्च भी बढ़ेगा। दूसरा अहम पहलू यह होगा कि सरकार फंड को कितनी तेजी से खर्च करती है। इससे विभिन्न प्रोजेक्ट पर तेजी से काम होगा। ऑटो और ऑटो एंसिलरी के लिए इस बजट में सुधार के बेहतर प्रावधान होंगे। पर्सनल इनकम टैक्स को कम करने की उम्मीद ऑटोमोबाइल कंपनियों की डिमांड में इजाफा करेगी। इसके अलावा नए कॉमर्शियल वाहन खरीदने के मौके भी बढ़ेंगे क्योंकि नई स्क्रैपेज पॉलिसी से भी इसे बल मिलेगा।
चुनिंदा एचएफसी में निवेश का अच्छा मौका
सरकार इस बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी की प्रवाह बढ़ाएगी। एनबीएफसी सेक्टर में पर्याप्त पूंजी वाले एनबीएफसी को पब्लिक डिपोजिट का एक्सेस दिया जा सकता है। कुछ हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां 20% की दर से बढ़ रही है। चुनिंदा कंपनियों के स्टॉक्स खरीदे जा सकते हैं।